ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेनिस लिली ने संक्षिप्त रूप से 1979 में एल्यूमीनियम धातु के एक बल्ले को काम में लिया. अंपायरों के साथ कुछ चर्चा के बाद, और इंग्लिश टीम की शिकायतों के बाद कि यह गेंद को नुकसान पहुंचा रहा है, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ग्रेग चैपल ने उनसे इसके स्थान पर लकड़ी का बल्ला इस्तेमाल करने के लिए कहा.
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आज उसकी जगह लकड़ी का बल्ला ले लिया है..इस मामले पर चिंतित होना लाजिमी है...क्योंकि आने वाले ओलंपिक में स्वर्ण...कांस्य..रजत जैसे पदक इन्ही खेलो से मिलते है... चीन...अमेरिका..जापान जैसे देश अपने यहां इस तरीके के खेलों पर पूरा ध्यान देते है...जिससे कभी भी ओलंपिक में उन देशों का स्थान सोना और चांदी लाने में नंबर एक पर होता है।